Friday, November 16, 2007

तेरी दिनि रुमाल : गैल्या धनुली

एलबम- गैल्या धनुली

गायक- प्रीतम भरतवाण

गायिका- मीना राणा




तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।


याद औंदी तेरी मन मा ज्यू नि लगदु काम कन मा, याद औंदी तेरी मन मा ज्यू नि लगदु काम कन मा,

माया का सुपिनिया आंख्युं मा, बिंगदुं नि छौं सारी रात्यूं मा ।

मेरा भी हाल तनी छन, मेरा भी हाल तनी छन,

माया की मुँदंड़ी मेरी आंगुली मा पैरीं च, माया की मुँदंड़ी मेरी आंगुली मा पैरीं च ।

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।



परदेश मा बिसरी ना जै रण-सेण मा नौ लेन्दो रै, परदेश मा बिसरी ना जै रण-सेण मा नौ लेन्दो रै

सेणी खाणी हो या काम काज बडुली लायी खुटियुं पराज ।

मेरी पराणी छै तू सची, मेरी पराणी छै तू सची ,

तेरी गौली मा हाथ धरी मेरी कसम करीं च,

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।



रंग ढंग अर ढाल चाल सानुन करदी मालामाल, रंग ढंग अर ढाल चाल सानुन करदी मालामाल,

मुल हैसुणु मिजाज मारन्दी, स्वाणी मुखड़ी मन मा दिखेंदी

तेरी छुँयुं सुणीक सची, तेरी छुँयुं सुणीक सची

मेरी जिकुड़ी मा हे लठयाला कत-मत सी लगीं च

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।



मेरा बिलोज मा खिसा सिल्युं च, वैपर तेरु ही फ़ोटु धरयुं च, हाँ मेरा बिलोज मा खिसा सिल्युं च, वैपर तेरु ही फ़ोटु धरयुं च

पली माया जिकुरी क घौर तू ही भँवर तू ही चितचोर

मन भरेक ऐगी मेरु, मन भरेक ऐगी मेरु

यकुली ब्यकुली माया सुवा तेरी खुद मैं लगी च

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।

तेरी दिनि समोण सची मेरी खिसा मा रखीं च ।

तेरी दिनि रुमाल सुवा मेरी सिराणा धरीं च ।

मेरी खिसा मा रखीं च , मेरी सिराणा धरीं च ।

मेरी खिसा मा रखीं च , मेरी सिराणा धरीं च ।

1 comment:

Chandra Mohan Baloni said...

bahut hi sunder geet ki posting cha bhai. keep it up. wonderful job